क्यों न कहो मैं गीत सुनाऊँ ?
संभव नहीं छंद से टूटे शब्दों को सुर से गा पाऊँ
तुम्हें विदित है और मुझे भी सॄष्टि एक लय में है गतिमय
एक छन्द सा अनुशासित है नक्षत्रों तारों का विनिमय
बिन लगाम के रथ को घोड़े, ले जाते कब सही दिशा में
और योजनाहीन हुआ कब वांछित को पा लेना भी तय
आज तोड़ कर बन्धन फिरते हुए शब्द जो आवारा हैं
कितनी बार उन्हें मैं उनकी सीमा में चलना सिखलाऊँ
जाते जाते नई भोर से जो कहती हैं बूढ़ी रातें
उसमें छुपी हुई रहती हैं अनुभव की अनगिन सौगातें
लेकिन दंभ दुपहरी का उनको नकार कर कह देता है
अर्थहीन सब बीते कल के साथ गईं जो .बीती बातें
तब ऐसी उच्छॄंखलता को समझाने की कोशिश करता
सोच रहा हूँ आखिर कितनी देर और मैं समय गंवाऊं
गंध बदलती है क्या बोलो कभी कहीं शीतल चन्दन की
धारायें परिवर्तित होतीं कब जन्मों के अनुबन्धन की
बदले हुए वक्त की देते हैं दुहाई केवल अशक्त ही
दॄढ़ निश्चय ही तो सक्षमता होती है दुख के भंजन की
आज समर्पित होकर बैठे घुटने टेक और गर्वित हो
तुम बतलाओ क्यों उनकी प्रतिमा के आगे शीश नवाऊँ
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
नव वर्ष २०२४
नववर्ष 2024 दो हज़ार चौबीस वर्ष की नई भोर का स्वागत करने खोल रही है निशा खिड़कियाँ प्राची की अब धीरे धीरे अगवानी का थाल सजाकर चंदन डीप जला...
-
हमने सिन्दूर में पत्थरों को रँगा मान्यता दी बिठा बरगदों के तले भोर, अभिषेक किरणों से करते रहे घी के दीपक रखे रोज संध्या ढले धूप अगरू की खुशब...
-
शिल्पकारों का सपना संजीवित हुआ एक ही मूर्त्ति में ज्यों संवरने लगा चित्रकारों का हर रंग छू कूचियां, एक ही चित्र में ज्यों निखरने लगा फागुनी ...
-
प्यार के गीतों को सोच रहा हूँ आख़िर कब तक लिखूँ प्यार के इन गीतों को ये गुलाब चंपा और जूही, बेला गेंदा सब मुरझाये कचनारों के फूलों पर भी च...
4 comments:
जाते जाते नई भोर से जो कहती हैं बूढ़ी रातें
उसमें छुपी हुई रहती हैं अनुभव की अनगिन सौगातें
--सुन्दर-अति सुन्दर. क्या बात है, वाह!!!बहुत बधाई.
आज तोड़ कर बन्धन फिरते हुए शब्द जो आवारा हैं
कितनी बार उन्हें मैं उनकी सीमा में चलना सिखलाऊँ
aksar aisaa hotaa hai....sundar rachnaa..shukriyaa
bahut sundar panktiyan hai,nice.
वाह!
गंध बदलती है क्या बोलो कभी कहीं शीतल चन्दन की
धारायें परिवर्तित होतीं कब जन्मों के अनुबन्धन की
बदले हुए वक्त की देते हैं दुहाई केवल अशक्त ही
दॄढ़ निश्चय ही तो सक्षमता होती है दुख के भंजन की
बहुत सुंदर।
Post a Comment